Write by zishan alam
RelationshipsJun 12, 2021
बारिश की बूंदे /Barish ki bunde
ये बारिश की बूंदे मुझ से कुछ कहती है
मुझे अपने पास बुलाती है
ऐसा लगा की मुझे अपने में समाना चाहती है
मन तो मेरा भी बहुत करता है मैं इसमें समा जाऊं
बस भीगता जाऊं भीगता जाऊं बहुत दूर तक
तन्हा चलता जाऊं चलता जाऊं
मगर मैं डर सा जाता हूं
जब मेरी नज़र मेरे कच्चे मकान पर पड़ जाती है
These raindrops tell me something
calls me to you
It felt like she wanted to touch me
My mind also does a lot for me, I get absorbed in it
Just keep getting wet, get wet for a long time
let me walk alone
but i'm scared
When my eyes fall on my kutcha house.
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